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औका बौका, तीन तड़ौका
लौआ लाठी, चन्नन काठी।
बाग रे बग डोल-डोल
सम्मर में करेला फूले
एक करेला नाम की?
आई बिआई फूलेॅ पानेॅ पचकी जा।
धान कूटेॅ धनियाँ, बैठोॅ बभनियाँ
केला के चोप लेॅ केॅ दौड़ेॅ कुम्हैनियाँ।
अट्टा-पट्टा, नूनू केॅ पाँच बेट्टा
कोय गेलै गाय चराय लेॅ, कोय गेलै भैंसी में
नूनू हाथोॅ में दूध-भात
गस-गस खैलकै।
औका-बौका, तीन तड़ौका
लौआ-लाठी, चन्दन काठी।
बाग रे बग डोल-डोल
पनिया चुभुक।
चौबे चकमक दूबे नवाब
पांडे पंडित, मिसिर चमार।
चौधरी-मौधरी काठ के दीया
चौधरी
औका-बौका, तीन तड़ौका
लौआ-लाठी, चन्नन काठी।
चल गे बेटी गंगा पार
गंगा पार से आनबौ रेल
रेल गेलो चोरी,
इरिच-मिरिच मरचाइन केॅ झावा
हाथी दाँत सबुर नै पावा।
औका-बौका, तीन तड़ौका
लौआ-लाठी, चन्नन काठी
चल चल बहिनो पार गे
पारोॅ सें करेली लान
पक्का-पक्का हम्में खाँव
कच्चा-कच्चा तोहें खो
पकड़ बुच्ची कान गे।
पुड़िया रे पुड़िया
घीयोॅ में चपोड़िया।
माथ पर धुम धाम
पकड़ कनेठिया।