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"अंगिका फेकड़ा / भाग - 11" के अवतरणों में अंतर

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अटकन-मटकन, दहिया चटकन
बर फूले, करेला फूले
इरिच-मिरिच मिरचाय के झावा
हाथी दाँत समुद्र के लावा
लौआ लाठी चन्दन काठी
मार पड़ोकी पाँजड़ तोड़।


कागज-पत्तर
कलम दवात
इटा पाटी
सोने के टाट
टाट गिरा दे
पूरे आठ।


चिल्लर पटपट, गंगा हो लाल
हथिया सूढ़ ठुट्ठोॅ पीपर पतझाड़
कौआ कानोॅ, तेली बेमानोॅ
मियाँ ढोलकिया, फूस कन्हैया।


अलिया गे झलिया गे
बाप गेलौ पुरैनिया गेे
लानतौ लाल-लाल बिछिया गे
कोठी तर छिपैयेैं गे
बालू में नुकैयैं गे
झमकल-झमकल जैहियें गे
सास केॅ गोड़ेॅ लगिहें गे
ननदी केॅ ठुनकैहियैं गे।


सुइया हेराय गेल
खोजी दे नै तेॅ मैया मारबे करतौ ना।


अट्टा ऐन्होॅ, पट्टा ऐन्होॅ
धोबिया के पाट ऐन्होॅ
कुम्हरा के चाक ऐन्होॅ
बीचोॅ गामोॅ में मुकद्धम मुखिया
बनी जइहोॅ तोंय राजा बेटा
गोड़ोॅ लागोॅ, ठाकुर जी केॅ, धरती धरमोॅ केॅ
साठी माय केॅ।


बाप कहाँ गेल छौ?
ढाका बंगाला।
की-की लानतो?
पूड़ी-मिठैइया।
हमर्हौ देबे?
नै रे भैया।
चिकना भर-भर, चिकना भर-भर।


ताय पुड़ी ताय
के के पकाय
नूनू पकाय
नुनूहैं खाय।


गाय गेलौ रनेॅ बनेॅ
भैंस गेलौ बीजू वनेॅ
कानी भैंसियाँ धान खाय छै
राजा बेटा हाँक दै छै
घूबे तेॅ घूर गे
धान फूसूर।


करिया झुम्मर खेलै छी
लीख पटापट मारै छी।


बीजू रे बन्धवा
कै चन्दवा?
एक चन्दवा।


घोघो रानी कतना पानी
अतना पानी, अतना पानी?