भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तबाही / मथुरा नाथ सिंह 'रानीपुरी'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मथुरा नाथ सिंह 'रानीपुरी' |अनुवाद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

13:01, 10 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

झपटा-झपटी अफसरशाही
लपटी पुलिस तबाही
चिड़िया-चुनमुन मौन आराधै
खोजै रोज गबाही।

ऊपरे-ऊपरे चील झपट्टा
मारै रोज डेगाही।
बलजोरी ई जन्नें-तन्नें
भागै रोज कढ़ाही।

भितरे-भीतर जाल बिछावै
की नै करै शेफखाही
कन्नें केकरा के लै जैतै
लिखतै केना सियाही।

‘रानीपुरी’ धरा ललकारै
आय मिटावऽ खाही
रहै नै भेद लगै नै फसरी
लुटै नै राही-राही