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खाखै छोॅ छींकै छोॅ
ओछरभेॅ कहिया
चलै मेॅ थर्थराबोॅ
पछड़भेॅ कहिया?
लकवा छेकौं कि कोय सन्निपात
सुतलो राती लगावै छोॅ घात
सभ्भे दिना तेॅ लागै छै आग
आगिन हौ तोहें बुझभेॅ कहिया?
धंधा में कैन्हेॅ करोॅ खुराफात
दाव छेकों आखिरी कि छेकौं शुरुआत
ऐन्हों तों भेद बतैभेॅ कहिया?
डरोॅ जरा आदत सै पकड़ी नै कैंसर
बामन रङ् चलोॅ नै, लागौं नै सेंसर
देवता के रूप तोहें देभेॅ कहिया?
मांटी तेॅ एक्के लगावोॅ नी फूल
नजर जरा बदलो करोॅ नै भूल
हिरदा में फूल उगैभेॅ तों कहिया?