भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"किसी दिन अचानक / स्वाति मेलकानी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=स्वाति मेलकानी |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
13:47, 26 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
किसी दिन अचानक
शून्य से
टूटता है तारा
या
आसमान गिरता है
या
बादल फटता है
या
खिल उठती है लिली
और
बदल जाता है जीवन।
हमने प्रेम किया
और बस
जीवन बदल गया।