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"निश्चित / स्वाति मेलकानी" के अवतरणों में अंतर

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13:48, 26 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

अगली बारिश
     शायद थोड़ी कम गीली हो
     पानी में इस बार बुलबुले कम उठते हैं
     सड़कें चौड़ी करने को मशीन आई हैं
     झरबेरी की झाड़ी कटकर दूर गिरी है
     तुम भी आखिर कब तक चलते
     संकरी पगडंडी में
     जो मुझ तक आती थी।
     अच्छा ही है सड़क बन गई
     और तुम्हारा जाना भी
     लगभग निश्चित था।