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"सुनो! / स्वाति मेलकानी" के अवतरणों में अंतर

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सुनो!
     मेरी मदद करो ना
     मैं किसी को ढूंढ रही हूँ
     क्या कहा तुमने?... ‘तुम थके हो’
     थकी तो मैं भी हूँ
     पर
     मैं किसी को ढूंढ रही हूँ
     तुम सुन रहे हो ना?
     मैं चमकदार आँखों वाली
     एक लड़की को ढूंढ रही हूँ
     जो हुआ करती थी
     तुम्हारी पत्नी बनने से पहले
     सुनो!...
     सच सच बताना
     क्या वह मैं ही थी?