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"नास्तिक / परितोष कुमार 'पीयूष'" के अवतरणों में अंतर

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जनता के लिए
जनता की तरफ से
जनता के पक्ष में

जब मैनें लिखा
ईश्वर एक मिथ्या है
धर्म एक साजिश
खारिज किया
आडम्बरों को
वाहयात नियमों को
खंडित किया
वेद,पुराण और ग्रंथों के
अनर्गल आदर्शों को

भयभीत हुए
धर्म के तमाम ठेकेदार
डगमगायी सत्ता
बुद्धिजीवियों ने कहा
मुझे नास्तिक

और फिर
सत्ता की कलम से
रचा गया
मेरी हत्या का एक
धार्मिक षड्यंत्र