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"उनके मन में / सुनीता काम्बोज" के अवतरणों में अंतर

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12:09, 11 जनवरी 2018 के समय का अवतरण


उनके मन में है क्या समझते हैं
हम भी अच्छा बुरा समझते हैं

दर्द को और भी बढ़ा देगी
आप जिसको दवा समझते हैं

क़त्ल करना अजीब है उसका
सब उसे हादसा समझते हैं

वो हक़ीक़त से आशना ही नहीं
उनको जो बेवफ़ा समझते हैं

अब सुनीता क़लम की पूजा को
सिर्फ़ हम साधना समझते हैं