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"आगोहरु अझै / विमल गुरुङ" के अवतरणों में अंतर
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+ | परेवाहरु सुनिहरेछन् बाहिर सिलौटा पिडाले कराईरहेको । | ||
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− | + | योजनाहरु गरिरहेछन् | |
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− | + | वराहक्षेत्र त पुगियो | |
− | + | अब, उनीहरु अगाडीको बाटो सोचिरहेछन् | |
− | + | म देखिरहेछु | |
− | + | उनीहरुको ढाँडमा अझै छ त्यो 'रुपसाइठ' | |
− | + | उनीहरुले युद्धको पोशाक उतारेका छैनन् । | |
− | + | चहलपहल गरिरहेछन् | |
− | + | आगेनाभित्र | |
− | + | आगोहरु अझै । | |
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16:34, 26 मार्च 2018 के समय का अवतरण
चहलपहल गरिरहेछन्
अगेना भित्र
आगोहरु अझै ।
उनीहरु
मासुको तरकारी नउम्लाई
नछोएड्ने भएका छन् ।
टाउको निकालिरहेछन्
चिम्नीको प्वालबाट धुँवाहरु
भंगेराहरु चौका बाहिर
नूनको बिर्को उघारेको आवाज सुनिरहेछन्
परेवाहरु सुनिहरेछन् बाहिर सिलौटा पिडाले कराईरहेको ।
बाहिर घाम लागिरहेछ
लागिरहेछ चौकाभित्र झन घाम ।
अगेनाभित्र
आगोहरु हात मिलाइरहेछन्
मिटिङ गरिरहेछन् । आमसभाहरु गरिरहेछन्
योजनाहरु गरिरहेछन्
कार्यक्रमहरु बनाइरहेछन् ।
वराहक्षेत्र त पुगियो
अब, उनीहरु अगाडीको बाटो सोचिरहेछन्
म देखिरहेछु
उनीहरुको ढाँडमा अझै छ त्यो 'रुपसाइठ'
उनीहरुले युद्धको पोशाक उतारेका छैनन् ।
चहलपहल गरिरहेछन्
आगेनाभित्र
आगोहरु अझै ।