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"उमाव / मीठेश निर्मोही" के अवतरणों में अंतर
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भाख फाटतां ई | भाख फाटतां ई | ||
नापण लागै | नापण लागै |
14:19, 1 अप्रैल 2018 का अवतरण
भाख फाटतां ई नापण लागै आभौ भाजता ई भाजता जावै अछेह अपार ।
लेय दांणौ बावड़ै चीरतां अंधारौ ।
आपरै भाग नै चेत्यां देख फुदकण लागै माळौ । </poem>