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"पीड़ पच्चीसी / महेन्द्रसिंह सिसोदिया 'छायण'" के अवतरणों में अंतर

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क्यूं खांचौ हो
+
विरथा में बिलमावणौ,भारी  भ्रस्टाचार|
धरम नांव री कूडी़ लीकां
+
अंतस हंदौ औळमो,सुणै नहीं सरकार||
क्यूं बिलमावौ
+
मिनख मिनख में
+
भेद जता नै
+
क्यूं फैलावौ
+
आज हल़ाहल़ धरम नांव रौ
+
क्यूंकर ठावौ
+
न्यारा-न्यारा
+
कूंतण रा मापीणा कूडा
+
हिंदू-मुस्लिम
+
ईसाई अर बौद्ध जैन रा!
+
क्यूं भटकावौ-
+
नैने नैने टाबरियां नै
+
गंगा-जमनी संस्कारां रै
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पावन पथ सूं |
+
  
जदकै
+
विरथा सब रा वायदा,कूड़ तणी आ कार|
इण धरती रै आंगण
+
कूकै सगळा काळिया,सुणै नहीं सरकार||
गीत रचीज्या प्रेम-प्रीत रा  
+
परंपरा-अपणायत रैयी
+
अणगिण पीढ्यां सागै बैठी
+
गांव-गौरवें
+
ढाणी-ढाणी
+
संबंधां रा बांध्यां तांतण |
+
  
वै ई तांतण-
+
धवळा चौगां धारिया,माडै कर  मनवार|
जकौ बांधिया पुरखां अपणा
+
बणठण मंचां बैठिया,सुणै नहीं सरकार||
इतरा काचा व्है क्यूं तूटै?
+
किण कारण भारत रै भागां
+
धरम तणी तकदीरां मांडौ |
+
  
क्यूं भूलौ थै-
+
सूझै नीं साची कदै,दे मिनखां  नै   मार|
आज कबीरे री वाणी नै  
+
लोभी इसडा़ं लोक रा,सुणै नहीं सरकार||
जिण री वाणी--
+
सदियां तक गूंजैलां अपणी
+
इण धरती रै ऊजळ आंगण
+
क्यूंकर भूलौ-
+
रहीमन धागौ
+
प्रेम प्रीत रौ !!!
+
जदकै उणरा-
+
लोक कंठ में दूहा आछा
+
जीवत हैं,
+
जीवत रेवैलां सदियां तांई|
+
  
कींकर खोदो-
+
कूडा़  वादा  काज  रा,वां सबदां री  वार|
मिनखां बिच्चै खाई-खाडा !
+
औड़-झौड़ में उळझगी,सुणै नहीं सरकार||
जठै-
+
धरम सूं ऊपर उठनै
+
ब्रज काळिंदी गोकुल ग्वारन
+
सुणिया कई सवैया सांप्रत |
+
वौ रसखान-
+
स्याम रै रंग में  
+
पूरौ रंगियो ऊजळ अंतस !
+
अर कैयौ कै-
+
'आठहुँ सिद्धि
+
नव निध रौ सुख ई
+
ब्रज की गाय चराई बिसारौ!'
+
कान्हा कान्हा करतां-करतां
+
जिकां सनातन रीतां राखी |
+
वां नै-
+
मत बांटो रै बीरा!
+
कूडी़ थोथी परिभासा में|
+
  
मत भूलौ कै-
+
कोजे ढाळै कूकतौ,अंतस मिनख अपार|
हळदघाट रै रण-आंगण में
+
राडा़ं  देवै  राज  नै,सुणै नहीं  सरकार||
कितरा सूर हकीम जिसां नर
+
हिंदुवै सूरज सागै लड़िया|
+
कितरा मिटिया देस-धरम हित ?
+
कितरा अजलग सांसां जीवै-
+
उणी पंथ री
+
उणी रीत री |
+
  
एक'र फेरूं-
+
सारां हिळमिळ सांप्रत,डाकी गिया डकार|
याद करौ उण पिच्छम वाळै
+
कींकर रासण खूटियौ,सुणै नहीं  सरकार||
रूणीचै रै रामदेव नै
+
जिण नै सगळा
+
सांचैमन सूं ध्यावै-पूजै
+
अर सगळा ई-
+
पीरां रै जैकारां सागै
+
हिळमिळ रेवै
+
प्रीत वधावे!
+
  
कै जा देखो-
+
तटकै तांतां तोडि़या,अबकै  राज  अबार|
सिंध धरा में
+
नैह ज किंया निभावसां,सुणै नहीं सरकार||
पीर मोडियो कैय पूजीजै
+
छत्राळो आल्हो जसधारी
+
हिंदू अर मुसलमां सगळा
+
उण राहड़ पन्नड़ रै चरणां
+
श्रद्धा सूं ई शीश झुकावें |
+
  
कींकर भूलौ-
+
सदन मांयनै  चौरटां,पूग पचासां  पार|
रतजागां में गातौ ढोली
+
डाकीचाळो कर डसै,सुणै नहीं सरकार||
ब्याव बधाणै आतौ ढाढी
+
अधरातां में झीणै-झीणै
+
मधरै-मधरै व़ायरियै में
+
रचतै मीठे लोक गीत नै
+
कींकर बांटो-
+
धरम पंथ री कांकड़ में इण
+
शहनाई सुरणाई ढोलक
+
मंजीरा झींझा तबला नै
+
अै साखी हैं संबंधां रा
+
अपणापै रा
+
मिनखापै अर विसवासां रा !!!
+
  
मत उळझावौ-
+
मारकाट कर मोकळी,हरदम रह हुशियार|
धरम नांव री कांकड़ में इण
+
आग लगावै  आंगणै,सुणै नहीं  सरकार||
हँसती- खिलती मिनखजात नै
+
 
मत बांधौ-
+
खरी दुकानां खोल दी,रूपियां री कर रार|
भौळे मिनखां नै तणकै खूंटे
+
रासण दे नीं रौळिया,सुणै  नहीं  सरकार||
मत राखौ-
+
 
ऊजळ अंतस में ऊंडी खोखा !!!
+
जबरा  झींटा  झाल नै,दंभी  नै  दुत्कार|
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निरलज सारा नेतियां,सुणै नहीं सरकार||
 +
 
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कूड़ कमाणौ खावणौ,लंपट लोभ लगार|
 +
कैवे किणनै जा कवि,सुणै नहीं  सरकार||
 +
 
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जीणौ कींकर जगत में,वधियौ व्याभीचार|
 +
पाप अणूतौ पेख  लो,सुणै  नहीं  सरकार||
 +
 
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मुंडै मीठी  मौवणी,खरौ ज  अंतै  खार|
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अबै बेलियां आपणी,सुणै नहीं सरकार||
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इतरी  अरजी  ईसरी,अबकै  देस  ऊबार|
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नींतर सब रूळ जावसी,सुणै नहीं सरकार||
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रंग बदळावै रोज रा,धवळा कपडा़ धार|
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मीठी छुरियां मारणी,सुणै नहीं  सरकार||
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खाट ले गिया खलकडा़ं,नैनी करी निंवार|
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पागां आगा पटकिया,सुणै नहीं  सरकार||
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केपी  घर  सूं  काढ दे,तौगे री  तरवार|
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जाय हरावळ जूंझणौ,सुणै नहीं सरकार||
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माल  उड़ावै  मारकां,धुन  धाडै़ती  धार|
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निरलज कूडा़ नेतियां,सुणै नहीं सरकार||
 +
 
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इतरी  अरजी  ईसरी,अबकै  देस  ऊबार|
 +
सदबुध दीजै सांच सह,सुणै नहीं सरकार||
 +
 
 +
नौंणो  चावै  नेतियां, विटळा  नर  वौपार|
 +
किणदिस जावां कानजी,सुणै नहीं सरकार||
 +
 
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मांडो  आखर मौवणा,धचकै  धुंवांधार|
 +
सायद आ चेतावनी,सुण लैसी सरकार||
 +
 
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बरस पांच अै बेलियाँ,ठीक काळजो ठार|
 +
डांभ  दिरावै  देस  रै,सुणै  नहीं  सरकार||
 +
 
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साची कैवूं  सांवरा,हैलां  करूं  हजार|
 +
तार सकै तो तार दे,सुणै नहीं सरकार||
 
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20:10, 9 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

विरथा में बिलमावणौ,भारी भ्रस्टाचार|
अंतस हंदौ औळमो,सुणै नहीं सरकार||

विरथा सब रा वायदा,कूड़ तणी आ कार|
कूकै सगळा काळिया,सुणै नहीं सरकार||

धवळा चौगां धारिया,माडै कर मनवार|
बणठण मंचां बैठिया,सुणै नहीं सरकार||

सूझै नीं साची कदै,दे मिनखां नै मार|
लोभी इसडा़ं लोक रा,सुणै नहीं सरकार||

कूडा़ वादा काज रा,वां सबदां री वार|
औड़-झौड़ में उळझगी,सुणै नहीं सरकार||

कोजे ढाळै कूकतौ,अंतस मिनख अपार|
राडा़ं देवै राज नै,सुणै नहीं सरकार||

सारां हिळमिळ सांप्रत,डाकी गिया डकार|
कींकर रासण खूटियौ,सुणै नहीं सरकार||

तटकै तांतां तोडि़या,अबकै राज अबार|
नैह ज किंया निभावसां,सुणै नहीं सरकार||

सदन मांयनै चौरटां,पूग पचासां पार|
डाकीचाळो कर डसै,सुणै नहीं सरकार||

मारकाट कर मोकळी,हरदम रह हुशियार|
आग लगावै आंगणै,सुणै नहीं सरकार||

खरी दुकानां खोल दी,रूपियां री कर रार|
रासण दे नीं रौळिया,सुणै नहीं सरकार||

जबरा झींटा झाल नै,दंभी नै दुत्कार|
निरलज सारा नेतियां,सुणै नहीं सरकार||

कूड़ कमाणौ खावणौ,लंपट लोभ लगार|
कैवे किणनै जा कवि,सुणै नहीं सरकार||

जीणौ कींकर जगत में,वधियौ व्याभीचार|
पाप अणूतौ पेख लो,सुणै नहीं सरकार||

मुंडै मीठी मौवणी,खरौ ज अंतै खार|
अबै बेलियां आपणी,सुणै नहीं सरकार||

इतरी अरजी ईसरी,अबकै देस ऊबार|
नींतर सब रूळ जावसी,सुणै नहीं सरकार||

रंग बदळावै रोज रा,धवळा कपडा़ धार|
मीठी छुरियां मारणी,सुणै नहीं सरकार||

खाट ले गिया खलकडा़ं,नैनी करी निंवार|
पागां आगा पटकिया,सुणै नहीं सरकार||

केपी घर सूं काढ दे,तौगे री तरवार|
जाय हरावळ जूंझणौ,सुणै नहीं सरकार||

माल उड़ावै मारकां,धुन धाडै़ती धार|
निरलज कूडा़ नेतियां,सुणै नहीं सरकार||

इतरी अरजी ईसरी,अबकै देस ऊबार|
सदबुध दीजै सांच सह,सुणै नहीं सरकार||

नौंणो चावै नेतियां, विटळा नर वौपार|
किणदिस जावां कानजी,सुणै नहीं सरकार||

मांडो आखर मौवणा,धचकै धुंवांधार|
सायद आ चेतावनी,सुण लैसी सरकार||

बरस पांच अै बेलियाँ,ठीक काळजो ठार|
डांभ दिरावै देस रै,सुणै नहीं सरकार||

साची कैवूं सांवरा,हैलां करूं हजार|
तार सकै तो तार दे,सुणै नहीं सरकार||