भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मधुमय राग / रामावतार यादव 'शक्र'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामावतार यादव 'शक्र' |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

10:46, 14 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

निशि ने जब मोती-कण लेकर
दूबों का रच दिया सुहाग;
मंजु चूनरी में ऊषा ने
भरा जवानी का अनुराग।
चिटक उठीं कलियाँ यह लखकर,
गमक उठा सारा उपवन।
पर, किरणों ने आकर लूटा
जीवन का वह मधुमय राग।
-1932 ई.