भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सुखी जीवन का रहस्य / हेमा पाण्डेय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हेमा पाण्डेय |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

12:05, 15 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

प्रोधोगिकी समाज,
मानसिक व्याधी का
है उत्पादक।
व्याधि है सबसे बड़ी
अकेलापन व्यक्ति का
अकेले पन से है घबराया,
भयभीत भीतर से
है शक्तिहीन बहुत।
लगता है भय दुसरो से
भयभीत है वह खुद से,
सुखी जीवन का सूत्र है
पारस्परिक स्वस्थ सम्बन्ध।
स्वस्थ सम्बन्ध
 रखने वाले लोग,
प्रशन्न और रहते है
तनाव मुक्त।
मनुष्य जीवन में
 बहुत बड़ा महत्त्व है
 पारस्परिक सम्बन्धो का
घर परिवार के
अलावा भी रहते है,
जिस दुनिया में।
 हम करते है काम,
अपने मित्रो और
दोस्तों के साथ।