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"तुला / सुनीता जैन" के अवतरणों में अंतर

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18:27, 16 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

संयत होने को तुला
इधर उठी, कभी उधर
झुकी,
बाटों पर बाट दिए
आधे, पौने,
सेर, पचसेरी
डंडी लेकिन नहीं सधी

क्लांत हाथ, तकते-तकते
आँख थकी
एक ठौर का भाग्य नहीं था-
नहीं टिकी।