भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"केवल हम नहीं / सुनीता जैन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुनीता जैन |अनुवादक= |संग्रह=यह कव...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:30, 16 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
फूलों में थिरक
हवा में घुंघरू
दिनों के दिन-दिन नर्तन
होंगे कल भी
केवल हम
नहीं
कहना है जो
थोड़े में कहो,
चलो