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"इस साल / सुनीता जैन" के अवतरणों में अंतर

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12:33, 17 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

इस साल कोयल नहीं बोली
न ऐनक उतारकर रखी
न खिड़की खोली

कोयल आई है
खिड़की खोली है
लेकिन कोई चिट्ठी
मेरे हाथ नहीं

इस अंकुर पल
तुम साथ नहीं

कमर है
मैं हूँ
गोदी में
फाईल है