भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"हमार नन्हकी / जयशंकर प्रसाद द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जयशंकर प्रसाद द्विवेदी |अनुवादक=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:12, 21 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
बेर बेर हँसावेले, बेर-बेर रिगावेले
हमार नन्हकी॥
हमके घूमरी घुमावेले, हमार नन्हकी॥
खात के बेरा हाथ थरिया में मारे
तोतली बोलिया से बाबूजी पुकारे
भर घर के भर दिन, मन हरसावेले
हमार नन्हकी॥ हमके घूमरी...
बइठल देखे त, खूँट धई खींचेले
अचके कोंहाले, आँखि दूनों मीचेले
पीट पीट थपरी, सभके बोलावेले
हमार नन्हकी॥ हमके घूमरी...
अचके में रीझेले अचके में खीझेले
कबों कंचा खेले खाति हमरा भींचेले
कबों आगे कबों पीछे, सभे धउरावेले
हमार नन्हकी॥ हमके घूमरी...