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"अगस्त / गुल मकई / हेमन्त देवलेकर" के अवतरणों में अंतर

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12:21, 21 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

एक बादल चुपके से
नमक की बंद शीशी में समा गया
एक बादल चुपके से
घुस गया रज़ाइयों में
एक बादल चुपके से
फैल गया दीवारों पर
एक बादल
जो बरसने से बच गया
अदृश्य–सा रहता है
घर के भीतर
चीमड़ मुरमुरों और
मटके की तलहटी में रहते केंचुओं को
वह अक्सर दीख जाया करता है