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तों बरहरूपिया
बामन गुरू के चेला
भिनभिनाते रहला हे,
देह पर के
दुधिया मक्खी हौंक के
घिनघिनाते रहला हे
सबैया पढ़ो या हुट्ठा
हिसाब नै लगतो
पीठ बचावों कि पुट्ठा
ई भर-भर मुट्ठा नोट
कहिया तक
छहराबैत रहबा
छल सु छुट्टा?