भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सीताराम हथकड़ी / मथुरा प्रसाद 'नवीन'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मथुरा प्रसाद 'नवीन' |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

14:37, 24 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

एह देखो
मँहगाई असमान पर चढ़ल जा हो
सुखी होतो देस कइसे?
बात से गढ़ल हो
पकड़ने रहो,
सीताराम खम्भ हो
तोरा जकड़ने रहो
बिना हथकड़ी के
हथकड़ी हो सीताराम,
अकाल भुखमरी के
जड़ी हो सीताराम।
हर घड़ी सीताराम
सीताराम रटो,
धरम जात झगड़ा में
लड़ो, मरो, कटो
हे भाय, सगरे अंधेर हो
तों नै जगऽ हा
इहे बस देर हो।