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"साँच के आँच / केशव मोहन पाण्डेय" के अवतरणों में अंतर
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बड़ा तेज लागेला
साँच के आँच
बड़ा अजीब होला
असर एकर
काहें कि
सभे ना करेला साहस
साँच कहे के
साँच
सबके जहर लागेला
तबे अच्छा-अच्छा लोग
साँच से भागेला।
अब देखीं ना
सभे पूजा कहेला
प्रीत के त,
मधुर मानेला सभे
नेह के गीत के
बाकीर जब करेली प्रेम
आपन बेटी/बहिन
तब कहर हो जाला
फेर साँच जहर हो जाला।