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"नाई बहार / 6 / भिखारी ठाकुर" के अवतरणों में अंतर
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प्रसंग:
समाज में नाई जाति की स्थिति एक बेधर तथा घटिया मजदूर की है। पहनने के लिए भी उपयुक्त वस्त्र की व्यवस्था नहीं होती।
दोहा
विद्या ज्ञान एको नहीं, ना तिरथ-व्रत-दान।
कहे 'भिखारी' नाम के पानी, राखऽ श्री भगवान॥