भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"शारदी रजनी / रामइकबाल सिंह 'राकेश'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामइकबाल सिंह 'राकेश' |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

18:22, 18 मई 2018 के समय का अवतरण

उतरी विभा स्वर्ग की नीलाम्बर से भूमण्डल पर,
अंगराग लग गया चाँदनी का रजनी के तन पर।

किसने तिमिरराम्बर वितान पर,
लिखे अनादि ज्योति के अक्षर?
खिले गगन के नाभिकमल में
सत्य और शिव सुन्दर।

खुला दिव्य लावण्य सरोवर,
हिमशीतल चन्दन रस से भर,
प्रकट हुआ चैतन्य प्राण का-
चिद्विलासमय भास्वर।

विश्वभुवन आनन्दमनोमय,
तजोमय सौन्दर्य अमृतमय,
दुग्धफेन के अनुलेपन से
धवलित गिरिवन प्रान्तर।

निर्मल मणिदर्पण में नूतन,
धरा देखती मृण्मय आनन,
माँग बनाती प्रभा निशा के
केशपाश पर मनहर।