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"बता इलाज / बालकृष्ण गर्ग" के अवतरणों में अंतर

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कौआ बोला- ‘फटे बाँस-सी
है मेरी आवाज,
कोयल-सी मीठी बन जाए
ऐसा बता इलाज!’
डाक्टर मैना बोली- ‘स्वर में
लानी अगर मिठास,
काँव-काँव’ छोड़, कूकने
का कर तू अभ्यास’।
       [अमर उजाला (रविवासरिय), 16 दिसंबर 2001]