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"मंगल या दंगल / बालकृष्ण गर्ग" के अवतरणों में अंतर

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सिने-हाल ‘सुंदरवन’ में अब
लगी फिल्म ‘जंगल में मंगल’,
चूहे जी के साथ देखने
फौरन पहुँच गए गीदड़मल।
मौसी पूसी जी के सँग जब
देखा शेरसिंह को हीरो,
भागे दोनों हाल छोड़,
बोले-‘यह मंगल है या दंगल!’
       [माधुरी, 7 मार्च 1980]