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"प्रैशर-कुक्कर / बालकृष्ण गर्ग" के अवतरणों में अंतर

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पानी की जब बनती भाप,
प्रेशर बढ़ता, बढ़ता ताप।
झटपट खाना, सब्जी-दाल-
देता ‘प्रैसर-कुकर’ उबाल।

लवण, विटामिन होय न नष्ट,
भोजन भी बंता स्वादिष्ट।
पानी, सीटी, समय प्रधान,
रखें हमेशा इनका ध्यान।
[रचना: 2 जून 1998]