"शाकाहारी फंक्शन / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'" के अवतरणों में अंतर
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चिड़ियों की रानी के घर में फंक्शन है
सभी पक्षियों को सादर आमंत्रण है।
तोता, मैना, कौवा, कोयल, गौरेया
उल्लू, गीध, कबूतर, नीलकंठ भैया
तीतर, चील, बटेर और बुलबुल रानी
सबने ही उत्सव में जाने की ठानी
साफ निमंत्रण-पत्र में लिखा है देखो
पहले पूजन-हवन और फिर भोजन है।
काफी, चाय, जूस, शरबत सिंदूरी है
पूरी, पुआ, नान, रोटी तंदूरी है
चावल, दाल, सब्जियाँ, चाट, फल, मिठाई
मोहनभोग, इमरती-दूध, रसमलाई
हैं अनेक पकवान और मिष्ठान मधुर
सबको रूचि अनुसार कुछ न कुछ व्यंजन है
सामिष भोजन पड़ा नहीं जब दिखलाई
चील, गिद्ध, कौवों ने नाक-भौं चढ़ाई
कोई तो बतलाए हम क्या खाएँगे
लगता है हम भूखे ही घर जाएँगे
रानी के मंत्री ने उनको समझाया
भैया, यह शाकाहारी आयोजन है।
खाकर देखो मालपूआ, पिशता, बरफी
बालूशाही, नर्म नान, खस्ता मठरी
टिकिया, चाट, फ़लूदा, अमरस, जलजीरा
मूली, प्याज, सलाद, टमाटर, फल, खीरा
आखिर सब मेहमान जुट पड़े खाने में
लौटते समय सबका ही प्रसन्न मन है।