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"कोई दिन / मोहन राणा" के अवतरणों में अंतर

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13:29, 23 मई 2018 के समय का अवतरण

सुबह कोई स्वर देती
और पेड़ एक झौंका
कि चल पड़ता बंद आँखों बाहर जो थमा,
मैं उसे क्या कहूँ
कोई दिन
आँख खुलते ही