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"जल्लाद / रशीद हुसैन" के अवतरणों में अंतर

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मुझे एक रस्सा दो
 
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एक हथौड़ा
 
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और एक लोहे का सरिया
 
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ताकि मैं बना सकूँ फाँसी का तख़्ता
 
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मेरे लोगों में  
 
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शेष है अभी एक समूह
 
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उदास चेहरे लिए घूमता है जो
 
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लज्जित करता है हमें
 
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आओ ! उनकी गरदनें कस दें
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हम अपने बीच
 
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कैसे रख सकते हैं उन्हें
 
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जो चाटते हैं हथेली
 
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हर उस किसी की
 
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जिससे भी वे मिलते हैं
 
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01:29, 14 जून 2018 का अवतरण

मुझे एक रस्सा दो
एक हथौड़ा
और एक लोहे का सरिया
ताकि मैं बना सकूँ फाँसी का तख़्ता

मेरे लोगों में
शेष है अभी एक समूह
उदास चेहरे लिए घूमता है जो
लज्जित करता है हमें
आओ ! उनकी गरदनें कस दें

हम अपने बीच
कैसे रख सकते हैं उन्हें
जो चाटते हैं हथेली
हर उस किसी की
जिससे भी वे मिलते हैं