भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सदा रहे फ़िलिस्तीन / फ़दवा तूकान" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= फ़दवा तूकान |संग्रह=फ़िलीस्तीनी कविताएँ / फ़दवा तूका...)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
|रचनाकार= फ़दवा तूकान
+
|रचनाकार=फ़दवा तूकान  
|संग्रह=फ़िलीस्तीनी कविताएँ /  फ़दवा तूकान
+
|अनुवादक=अनिल जनविजय
 +
|संग्रह=
 
}}
 
}}
 
+
{{KKCatKavita}}
 +
<poem>
 
महान
 
महान
 
 
महान देश
 
महान देश
 
 
चक्की का पाट घूम सकता है
 
चक्की का पाट घूम सकता है
 
 
बदल सकता है
 
बदल सकता है
 
 
संघर्ष की धुंधली रातों में
 
संघर्ष की धुंधली रातों में
 
 
पर वे नहीं बदल सकते
 
पर वे नहीं बदल सकते
 
 
बहुत कमज़ोर हैं वे
 
बहुत कमज़ोर हैं वे
 
 
तुम्हारी रोशनी ख़त्म करने के लिए
 
तुम्हारी रोशनी ख़त्म करने के लिए
 
  
 
तुम्हारी आशाओं में से
 
तुम्हारी आशाओं में से
 
+
फाँसी पर लटके विकास में से
फाँसी पर लटके विश्वास में से
+
 
+
 
चोरी गई शुभ्र मुस्कानों में से
 
चोरी गई शुभ्र मुस्कानों में से
 
 
खिलखिलाते हैं तुम्हारे बच्चे
 
खिलखिलाते हैं तुम्हारे बच्चे
 
  
 
तुम्हारी बर्बादी में से
 
तुम्हारी बर्बादी में से
 
 
घोर यंत्रणा में से
 
घोर यंत्रणा में से
 
 
जीवन के स्पन्दन और मृत्यु के कम्पन में से
 
जीवन के स्पन्दन और मृत्यु के कम्पन में से
 
 
उदित होगा एक नया जीवन
 
उदित होगा एक नया जीवन
 
 
 
ओ महान देश
 
ओ महान देश
 +
ओ गम्भीर ज़ख़्म
 +
ओ मेरे आत्मीय स्नेह
  
ओ गम्भीर जख़्म
+
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
 
+
</poem>
ओ मेरे आत्मीय स्नेह
+

02:02, 14 जून 2018 के समय का अवतरण

महान
महान देश
चक्की का पाट घूम सकता है
बदल सकता है
संघर्ष की धुंधली रातों में
पर वे नहीं बदल सकते
बहुत कमज़ोर हैं वे
तुम्हारी रोशनी ख़त्म करने के लिए

तुम्हारी आशाओं में से
फाँसी पर लटके विकास में से
चोरी गई शुभ्र मुस्कानों में से
खिलखिलाते हैं तुम्हारे बच्चे

तुम्हारी बर्बादी में से
घोर यंत्रणा में से
जीवन के स्पन्दन और मृत्यु के कम्पन में से
उदित होगा एक नया जीवन
ओ महान देश
ओ गम्भीर ज़ख़्म
ओ मेरे आत्मीय स्नेह

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय