"प्यार की कहानी चाहिए / गोपालदास "नीरज"" के अवतरणों में अंतर
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+ | आदमी को आदमी बनाने के लिए | ||
+ | जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए | ||
+ | और कहने के लिए कहानी प्यार की | ||
+ | स्याही नहीं, आँखों वाला पानी चाहिए। | ||
− | आदमी को आदमी बनाने के लिए | + | जो भी कुछ लुटा रहे हो तुम यहाँ |
− | जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए | + | वो ही बस तुम्हारे साथ जाएगा, |
− | + | जो छुपाके रखा है तिजोरी में | |
− | + | वो तो धन न कोई काम आएगा, | |
+ | सोने का ये रंग छूट जाना है | ||
+ | हर किसी का संग छूट जाना है | ||
+ | आखिरी सफर के इंतजाम के लिए | ||
+ | जेब भी कफन में इक लगानी चाहिए। | ||
+ | आदमी को आदमी बनाने के लिए | ||
+ | जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए | ||
− | + | रागिनी है एक प्यार की | |
− | + | जिंदगी कि जिसका नाम है | |
− | + | गाके गर कटे तो है सुबह | |
− | + | रोके गर कटे तो शाम है | |
− | + | शब्द और ज्ञान व्यर्थ है | |
− | + | पूजा-पाठ ध्यान व्यर्थ है | |
− | + | आँसुओं को गीतों में बदलने के लिए, | |
− | + | लौ किसी यार से लगानी चाहिए | |
− | आदमी को आदमी बनाने के लिए | + | आदमी को आदमी बनाने के लिए |
− | जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए | + | जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए |
− | + | जो दु:खों में मुस्कुरा दिया | |
− | + | वो तो इक गुलाब बन गया | |
− | + | दूसरों के हक में जो मिटा | |
− | + | प्यार की किताब बन गया, | |
− | + | आग और अँगारा भूल जा | |
− | + | तेग और दुधारा भूल जा | |
− | + | दर्द को मशाल में बदलने के लिए | |
− | + | अपनी सब जवानी खुद जलानी चाहिए। | |
− | आदमी को आदमी बनाने के लिए | + | आदमी को आदमी बनाने के लिए |
− | जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए | + | जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए |
− | + | दर्द गर किसी का तेरे पास है | |
− | + | वो खुदा तेरे बहुत करीब है | |
− | + | प्यार का जो रस नहीं है आँखों में | |
− | + | कैसा हो अमीर तू गरीब है | |
− | + | खाता और बही तो रे बहाना है | |
− | + | चैक और सही तो रे बहाना है | |
− | + | सच्ची साख मंडी में कमाने के लिए | |
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− | कैसा हो अमीर तू गरीब है | + | |
− | खाता और बही तो रे बहाना है | + | |
− | चैक और सही तो रे बहाना है | + | |
− | सच्ची साख मंडी में कमाने के लिए | + | |
दिल की कोई हुंडी भी भुनानी चाहिए। | दिल की कोई हुंडी भी भुनानी चाहिए। | ||
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21:08, 19 जुलाई 2018 के समय का अवतरण
आदमी को आदमी बनाने के लिए
जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए
और कहने के लिए कहानी प्यार की
स्याही नहीं, आँखों वाला पानी चाहिए।
जो भी कुछ लुटा रहे हो तुम यहाँ
वो ही बस तुम्हारे साथ जाएगा,
जो छुपाके रखा है तिजोरी में
वो तो धन न कोई काम आएगा,
सोने का ये रंग छूट जाना है
हर किसी का संग छूट जाना है
आखिरी सफर के इंतजाम के लिए
जेब भी कफन में इक लगानी चाहिए।
आदमी को आदमी बनाने के लिए
जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए
रागिनी है एक प्यार की
जिंदगी कि जिसका नाम है
गाके गर कटे तो है सुबह
रोके गर कटे तो शाम है
शब्द और ज्ञान व्यर्थ है
पूजा-पाठ ध्यान व्यर्थ है
आँसुओं को गीतों में बदलने के लिए,
लौ किसी यार से लगानी चाहिए
आदमी को आदमी बनाने के लिए
जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए
जो दु:खों में मुस्कुरा दिया
वो तो इक गुलाब बन गया
दूसरों के हक में जो मिटा
प्यार की किताब बन गया,
आग और अँगारा भूल जा
तेग और दुधारा भूल जा
दर्द को मशाल में बदलने के लिए
अपनी सब जवानी खुद जलानी चाहिए।
आदमी को आदमी बनाने के लिए
जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए
दर्द गर किसी का तेरे पास है
वो खुदा तेरे बहुत करीब है
प्यार का जो रस नहीं है आँखों में
कैसा हो अमीर तू गरीब है
खाता और बही तो रे बहाना है
चैक और सही तो रे बहाना है
सच्ची साख मंडी में कमाने के लिए
दिल की कोई हुंडी भी भुनानी चाहिए।