भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"फूटल भाग / रामरक्षा मिश्र विमल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामरक्षा मिश्र विमल |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:47, 4 अगस्त 2018 के समय का अवतरण
फूटल भाग
लोराइल अँखिया
मन पितराइल।
असरा के अङना में
सपनन के आवाजाही
दिन बदलल का दिल बदलल
मन हो जाला घाही
अलगवला पर
मुहर लगल
जियरा छितराइल।
थथमत आवेला बसंत
मन सहमे लागल बा
शीशा के पँजरा जाए में
सोचे लागल बा
शंका हलुक
बेमारी के
जब से गरहुआइल। (यहाँ र में हल् चिह्न लगेगा- र् )
करजा ले रोपाइल सुख
मरलसि जम के पाला
मधि दरियावे फूले लागल
साँसन के माला
हूक उठे
जिनिगी के चिंता
दिल घबराइल।