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"घूर्णन / अशोक कुमार" के अवतरणों में अंतर

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किसी ने कहा-
बायें मुड़
और हम बायें मुड़ गये

किसी ने कहा-
दायें मुड़
और हम दायें मुड़ गये

किसी ने नहीं कहा-
सीधे चल
और हम वहीं रह गये।