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"चौबीस / प्रबोधिनी / परमेश्वरी सिंह 'अनपढ़'" के अवतरणों में अंतर

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20:23, 2 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

आदमी को देख साँप डर गया
डर से अपना जहर छोड़ गया
वही जहर आदमी के माथे चढ़ गया
इसीलिए आदमी जहरीला हो गया

सर्प दंश का इलाज है
किन्तु आदमी का दंश लाइलाज है
निकट भविष्य में इलाज संभव नहीं
क्योकि आदमी का इलाज आदमी दृढ़ता है
इसका इलाज कोई दूसरा जीव ढूढ़ता तो सम्भव था