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"मुझे लूटना है / चंद ताज़ा गुलाब तेरे नाम / शेरजंग गर्ग" के अवतरणों में अंतर
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मुझे लूटना है मुश्किल, मेरा टूटना है मुश्किल | मुझे लूटना है मुश्किल, मेरा टूटना है मुश्किल | ||
क्यों फिजूल कर रहे हो, मुझे लूटने का दावा | क्यों फिजूल कर रहे हो, मुझे लूटने का दावा |
18:02, 4 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण
मुझे लूटना है मुश्किल, मेरा टूटना है मुश्किल क्यों फिजूल कर रहे हो, मुझे लूटने का दावा न उमंग ही बची है, न तरंग ही जंची है मेरे पास कुछ नहीं है, मेरे दर्द के अलावा। </poem>