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"बारात स्वागत का गीत / भील" के अवतरणों में अंतर
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भील लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आवो-आवो वो याहयण रामरामी।
मिलो-मिलो वो याहयण रामरामी।
बठो-बठो वो याहयण रामरामी।
पाणि-पीवो वो याहयण रामरामी।
आवो-आवो वो याहयण रामरामी।
- समधन से गीत में कहा है- समधन! बैठने के लिये मंडप बना रखा है। आओ
राम-राम। समधन! आओ मिल लेवें। बैठो पानी पिओ। जब माँडवे में वर पक्ष की महिलाएँ बैठ जाती हैं तब गाली गीत वधू पक्ष की ओर से प्रारम्भ हो जाता है, जवाब वर पक्ष से दिया जाता है।