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भील लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कुणे कह्यो ने गुदड़ये बठो रे बनो।
बइण कह्यो ने गुदड़ये बठो रे बनो।
कुणे कह्यो ने गुदड़ये बठो रे बनो।
भोजाई कह्यो ने गुदड़ये बठो रे बनो।
कुणे कह्यो ने गुदड़ये बठो रे बनो।
भाई कह्यो ने गुदड़ये बठो रे बनो।
- जमीन पर गादी बिछाकर दूल्हा-दुल्हन को बैठाते हैं, जिसे बाना बैठाना कहा जाता है। दूल्हे के बाने बैठने पर गीत में प्रश्नोत्तर किये गये हैं कि- किसने-किसने कहा जब दूल्हा गादी पर बैठ गया? उत्तर में कहा है कि- बहन, भौजाई व भाई ने कहा, तब बना गादी पर बैठा।