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16:14, 5 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

भील लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बनी चवरी में खेले, सूरज फूल खेले।
बनी चवरी में खेले, रंगइलो फूल खेले।
मारि रंग रूपाली बिल्खी वो
चरवयो खेलो चुट।
बनी चवरी में खेले, सूरज फूल खेले।

- फेरे के समय चवरी की सजावट के बारे में बताया गया है। सूर्यमुखी फूल, रंगीन फूल चवरी में लगे हैं।