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भील लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
तारा बासे ना घर मा काइ बात।
लागि वो गुरिया लाड़ि, चाल मारे देस।
तारा बासे ना घर मा काइ बात।
तारी माई ने कोई बात करो,
वो गोरी लाड़ी, चाल मार देस।
तारो भाई ने काई बात करो।
वो गोरी लाड़ी, चाल मारा देस।
- वर पक्ष की ओर से वधू को कहा गया है- तुम अपने माँ, पिता और भाई से क्या बात कर रही हो, मेरे देश में चलो, वहाँ तुम्हारी प्रतीक्षा हो रही है।