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16:17, 5 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

भील लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

लाड़ी कर वो येल्यां, वेल्यां घर जावां वो।
तारो एक लो सेसरो, प्यार वाट चाहे वो।
लाड़ी कर वो यंल्यां, वेल्यां घर जावां वो।
तारी एक ली सासू प्यार वाट चाहे वो।
लाड़ी कर वो येल्यां, वेल्यां घर जावां वो।

-वर पक्ष की ओर से कहा गया है कि- लाड़ी जल्दी घर चलो। तेरे ससुर और सास घर का इन्तजार कर रहे हैं।