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"विदाई गीत / 10 / भील" के अवतरणों में अंतर

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भील लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सासु बोलाड़े बनी जरा बोलजे।
बनी बोल बिराणो लागे।
माई बोलाड़े वेगि बोल नानी बनड़ी।
बोल पियारो लागे।
सेसरो बोलाड़े धीरे-बोल नानी बनड़ी।
बोल बिराणो लागे।

- मायके से लड़की को शिक्षा दी गई है कि मायके वाले आवाज दें तो जल्दी और जोर से बोलना। ससुराल वाले आवाज दें तो धीरे से और शांत-स्वभाव से बोलना। मायके वालों की आवाज प्यारी लगती है, ससुराल वालों की आवाज पराई लगती है।