भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सगाई के गीत / 3 / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKLokRachna |भाषा=राजस्थानी |रचनाकार= |संग्रह= }} <poem> बज रहे ढो...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह= | |संग्रह= | ||
}} | }} | ||
+ | {{KKCatRajasthaniRachna}} | ||
<poem> | <poem> | ||
बज रहे ढोल नगाड़े है वासुदेव जी के द्वारे हैं। | बज रहे ढोल नगाड़े है वासुदेव जी के द्वारे हैं। |
18:47, 6 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण
राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बज रहे ढोल नगाड़े है वासुदेव जी के द्वारे हैं।
खुशी मनाओ गोकुल वालों, श्री कृष्ण की सगाई है बज रहे...
पानी भी तैयार है, साबुन भी तैयार है।
नहाओ मेरे प्यारे बन्ने, तेरा इंतजार है।
खुशी मनाओ अयोध्या वालों, श्रीराम की सगाई है।
खाना भी तैयार है भोजन भी तैयार है।
जीमो मेरे प्यारे बन्ने, तेरा इंतजार है।
बज रहे ढोल नगाड़े है, शिवजी के द्वारे हैं।
खुशी मनाओ कैलाश वालों, श्री गणपति की शादी है।
कपड़े भी तैयार हैं, सूट भी तैयार है।
पहनो मेरे प्यारे बन्ने, तेरा इंतजार है।
बज रहे ढोल नगाड़े, दादाजी के द्वारे हैं।
खुशी मनाओ शहर वालों आज बन्ने की शादी है।
इत्र भी तैयार है, माला भी तैयार है।
शृंगार करो मेरे प्यारे बन्ने, तेरा इंतजार है बज रहे...