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राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कजल्यो सारले ये सूरजजी री नार कजल्यो सारले।
खातीला जोवे थारी बाट कजल्यो सारले।
कजल्यो सारले ये घर ये... री नार कजल्यो सारले।
खातीला जोवे थारी बाट कजल्यो सारले।