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राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मैं थांन पूछंू प्रजापत कलश कदे घड़या जी,
बिंदायक बाबा परणया रिद्धि सिद्धि न, कलश जद्ये घड़या जी,
कलस्यो छै लाल गुलाल बझोरो हीरा जड़यो जी।
मैं थानूं पूछंू प्रजापत कलश कदे घड़या जी,
चांद सूरज जी परण्या राणा दे न कलश जद्ये घड़या जी।
कलस्यो छै लाल गुलाल बझोरो हीरा जड़यो जी।
मैं थांन पूछंू प्रजापत कलश कदे घड़या जी,...
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