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"चाक गीत / 5 / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर

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18:13, 7 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

घर आने पर गाया जाने वाला गीत

मारी लाडली रा ऊबा दूखे पांव, थे करो न सवासणा आरत्यो जी,
थांका आरतड़या म रूपिया मेलू रोकड़ी, थे तो करो न जवाई सा आरत्यो

नोट- सवासणा की जगह जवाई के नाम बोल कर गीत बढ़ाएं।