भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बना के गीत / 18 / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKLokRachna |भाषा=राजस्थानी |रचनाकार= |संग्रह= }} {{KKCatRajasthaniRachna}} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

18:43, 7 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

गौरी गणेश मनाओ, मनाओ री बहना।
शीश बन्ने के सेहरा भी सोहे
लड़ियों से इतर लगाओ, लगाओ री बहना। गौरी गणेश...
गल बन्ने के चेन भी सोहे
तोड़े से इतर लगाओ, लगाओ री बहना। गौरी गणेश...
हाथ बन्ने के घड़ियां भी सोहे,
कंगने से इतर लगाओ, लगाओ री बहना। गौरी गणेश...
पैर बन्ने के जूते भी सोहे,
चलगत पे इतर लगाओ, लगाओ री बहना। गौरी गणेश...
संग बन्ने के बन्नी भी सोहे,
जोड़ी पे इतर लगाओ, लगाओ री बहना। गौरी गणेश...