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राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सबको देना सुहाग, सुहाग मेरी देवी
सबको देना सुहाग, सुहाग मेरी देवी
पहला सुहाग देवी गौरा को देना
अमर हो शंकर भगवान देवी
देना सुहाग, सुहाग मेरी देवी...
दूसरा सुहाग, लक्ष्मी को देना
अमर हो विष्णु भगवान देवी
देना सुहाग, सुहाग मेरी देवी...
तीसरा सुहाग देवी राधा को देना
अमर हो कृष्ण भगवान देवी
देना सुहाग, सुहाग मेरी देवी...
चौथा सुहाग देवी सबको देना
अमर हो सबके भरतार देवी
देना सुहाग, सुहाग मेरी देवी...
पांचवां सुहाग देवी हमको देना
अमर हो हमारे भरतार देवी
देना सुहाग, सुहाग मेरी देवी...