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राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
लीपो अंगना, बांधो बांधना आज बन्नी की शादी है
बन्ने के बाबा ने खत लिख भेजा, कैसी बन्नी ढूंढी है
पढ़ी-लिखी होशियार बहुत है, बोली मधुर रसीली है
लीपो अंगना, बांधो बांधना आज बन्नी की शादी है
बन्ने की ताऊ ने खत लिख भेजा, कैसी बन्नी ढूंढी है
पढ़ी-लिखी होशियार बहुत है, बोली मधुर रसीली है
लीपो अंगना, बांधो बांधना आज बन्नी की शादी है
बन्ने के पापा ने खत भेजा, कैसी बन्नी ढूंढी है
पढ़ी-लिखी होशियार बहुत है, बोली मधुर रसीली है
लीपो अंगना, बांधो बांधना आज बन्नी की शादी है
बन्ने के चाचा ने खत लिख भेजा, कैसी बन्नी ढूंढी है
पढ़ी-लिखी होशियार बहुत है, बोली मधुर रसीली है।