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राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
अमर हो तेरा सोहरा, सोहाग मेरी बन्नो
दादी कहे बेटी सीख मेरी सुन ले
पति हो तेरा भगवान, सोहाग मेरी बन्नो
अमर हो तेरा सोहरा, सोहाग मेरी बन्नो
माता कहे बेटी लाज मेरी रखना
करना सभी का सत्कार, सोहाग मेरी बन्नो
अमर हो तेरा सोहरा, सोहाग मेरी बन्नो
पिता कहे बेटी सब गुण तुझ में
अवगुण से रहियो दूर, सोहाग मेरी बन्नो
अमर हो तेरा सोहरा, सोहाग मेरी बन्नो
भैया कहे बहना हम सब तेरे
अंगना है तेरा वही, सोहाग मेरी बन्नो
अमर हो तेरा सोहरा, सोहाग मेरी बन्नो